10:05 pm 0 Comments

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

मौखिक भाषा :

यदि कोई व्यक्ति अपने विचार एवं भाव को बोलकर प्रकट करता है और अन्य कोई व्यक्ति उसे सुनकर समझ जाता है तो उसे मौखिक भाषा कहते है।

उदाहरण :

( 1 ) समाचार सुनना

( 2 ) संगीत सुनना

( 3 ) कहानियाँ सुनना

( 4 ) भाषण सुनना

मौखिक भाषा की विशेषताएँ:

1. मौखिक भाषा सजीव और प्रभावशाली होती है।

2.इसे बोलते ही सामने वाला तुरंत सुन लेता है।

3.यह सरल और सहज होती है।

4.इसमें आवाज़, स्वर और लय से अर्थ स्पष्ट होता है।

5.मौखिक भाषा क्षणिक होती है, इसे सुरक्षित नहीं किया जा सकता।

6. यह लोगों को जोड़ने का साधन है।

7.परिस्थिति के अनुसार इसे तुरंत बदला जा सकता है।

Related Posts

बोली

बोली •बोली एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को बोली कहते है। जैसेः खड़ी बोली , ब्रजभाषा , बुन्देली, कन्नौजी , हरियाणवी, मेवाती, मालवी, मारवाड़ी , जयपुरी , गढ़वाली , कुमाऊँनी ,…

भाषा के विकास क्रम: उपबोली, बोली, उपभाषा, भाषा

https://youtu.be/g9KNE_ULUpc भाषा के विकास क्रम: √उपबोली √बोली √उपभाषा √भाषा √उपबोली बोली से छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली को उपबोली कहते है। जैसे: श्रीनगरी, नागपुरिया, बधानी, सलानी, राठी, माँझ-कुमैया ,दसौल्या, लोहब्या , टेहरी…

उपबोली

उपबोली • उपबोली बोली से छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली को उपबोली कहते है। • उपबोली भी एक तरह की भाषा है लेकिन इसका क्षेत्र बोली की तुलना में छोटी होती है।…