हिन्दी की उपभाषाएँ एवं हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ : 1927 में जार्ज ग्रियर्सन ने हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ एवं 17 बोलियाँ बताएँ है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ है:
1.पश्चिमी हिन्दी
2.पूर्वी हिन्दी
3.राजस्थानी हिन्दी
4.पहाड़ी हिन्दी
5.बिहारी हिन्दी
हिन्दी की 17 बोलियाँ है:
(1)खड़ी बोली या कौरव
(2) ब्रजभाषा
(3) बुन्देली.
(4)कन्नौजी
(5)हरियाणवी या बांगरु
(6)अवधी
(7) बघेली
(8) छत्तीसगढ़ी
(9) उत्तरी राजस्थानी ( मेवाती )
(10) दक्षिणी राजस्थानी ( मालवी ).
(11) पश्चिमी राजस्थानी ( मारवाड़ी ).
(12) पूर्वी राजस्थानी ( जयपुरी ).
(13) गढ़वाली
(14) कुमाऊँनी
(15)मैथिली
(16)मगही
(17)भोजपुरी
1.पश्चिमी हिन्दी:
पश्चिमी हिन्दी शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित है।
पश्चिमी हिन्दी की पाँच बोलियाँ है।
i.खड़ी बोली या कौरवी
ii.ब्रजभाषा
iii.बुन्देली
iv.कन्नौजी
v.हरियाणवी या बांगरु
2.पूर्वी हिन्दी:
पूर्वी हिन्दी अर्द्धमागधी अपभ्रंश से विकसित है।
पूर्वी हिन्दी की तीन बोलियाँ है:
i.अवध
ii.बघेली
iii.छत्तीसगढ़ी
3.राजस्थानी हिन्दी:
राजस्थानी हिन्दी का जन्म शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
राजस्थानी हिन्दी की चार बोलियाँ है:
i. उत्तरी राजस्थानी ( मेवाती )
ii.दक्षिणी राजस्थानी ( मालवी )
iii.पश्चिमी राजस्थानी ( मारवाड़ी )
iv.पूर्वी राजस्थानी ( जयपुरी )
4.पहाड़ी हिन्दी:
पहाड़ी हिन्दी का जन्म खस अपभ्रंश से हुआ है।
पहाड़ी हिन्दी की दो बोलियाँ है:
i.गढ़वाली.
ii.कुमाऊँनी
5.बिहारी हिन्दी:
बिहारी हिन्दी का जन्म मागधी अपभ्रंश से हुआ है।
बिहारी हिन्दी की तीन बोलियाँ है:
i.मैथिली
ii.मगही
iii.भोजपुरी