हिंदी भाषा का विकास क्रम

•आज हम लोग जिस हिन्दी की बात करते है उस हिन्दी की स्वरूप तक पहुंचने के लिए लगभग 3500 साल की एक यात्रा करनी पड़ी है। •शुरुवात कहाँ से होती है? •शुरुवात होती है

भाषा के आधार

भाषा के आधार: भाषा के दो आधार है ( 1 ) मांसिक आधार ( 2 ) भौतिक आधार ( 1 ) मांसिक आधार : जब कोई व्यक्ति अपने समझ के आधार पर अपन विचारों

सांकेतिक भाषा: अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, महत्व, उद्देश्य, प्रभाव

सांकेतिक भाषा परिचय (Sign Language Introduction): सांकेतिक भाषा वह भाषा है जिसमें शब्दों की बजाय संकेत, हाव-भाव और प्रतीक का प्रयोग होता है। यह मूक-बधिर व्यक्तियों के लिए संचार का मुख्य माध्यम है। इसके

लिखित भाषा

लिखित भाषा यदि कोई व्यक्ति अपने विचार एवं भाव को लिखकर प्रकट करता है और अन्य कोई व्यक्ति उसे पढ़कर समझ जाता है तो उसे लिखित भाषा कहते है। •लिखित भाषा की सबसे छोटी

मौखिक भाषा

मौखिक भाषा : यदि कोई व्यक्ति अपने विचार एवं भाव को बोलकर प्रकट करता है और अन्य कोई व्यक्ति उसे सुनकर समझ जाता है तो उसे मौखिक भाषा कहते है। उदाहरण : ( 1

भाषा

भाषा भाषा एक विशाल क्षेत्र में बोलने , लिखने ,पढ़ने, समझने, साहित्य रचना करने एवं संचार माध्यमों में परस्पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए प्रयोग होने वाली विकसित बोली को ही भाषा कहते

उपभाषा

उपभाषा बोली के विकसित रूप को उपभाषा कहते है। जैसेः हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ 1.पश्चिमी हिन्दी 2.पूर्वी हिन्दी 3.राजस्थानी हिन्दी 4.पहाड़ी हिन्दी 5.बिहारी हिन्दी उपभाषा की विशेषताएँ: 1.उपभाषा में साहित्य की रचनाएँ होती है।

बोली

बोली •बोली एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को बोली कहते है। जैसेः खड़ी बोली , ब्रजभाषा , बुन्देली, कन्नौजी , हरियाणवी, मेवाती, मालवी, मारवाड़ी , जयपुरी , गढ़वाली , कुमाऊँनी ,

उपबोली

उपबोली • उपबोली बोली से छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली को उपबोली कहते है। • उपबोली भी एक तरह की भाषा है लेकिन इसका क्षेत्र बोली की तुलना में छोटी होती है।

हिन्दी की उपभाषाएँ एवं हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ

हिन्दी की उपभाषाएँ एवं हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ : 1927 में जार्ज ग्रियर्सन ने हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ एवं 17 बोलियाँ बताएँ है। हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ है: 1.पश्चिमी हिन्दी 2.पूर्वी हिन्दी 3.राजस्थानी हिन्दी