सामान्य हिन्दी व्याकरण, भाषा-विज्ञान पार्ट-5
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भाषा के विकास क्रम:
√उपबोली
√बोली
√उपभाषा
√भाषा
√उपबोली बोली से छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को बोली कहते है।
जैसे: श्रीनगरी, नागपुरिया, बधानी, सलानी, राठी, माँझ-कुमैया ,दसौल्या, लोहब्या , टेहरी … यादि ( गढ़वाली की उपबोलियाँ है। )
अपबोली की विशेताएं: 1.उपबोली का क्षेत्र बोली के क्षेत्र से छोटी होती है ।
2.उपबोली में साहित्य की रचना नहीं होती है।
3.उपबोली की व्याकरण नहीं होती है।
4.उपबोली की लिपि नहीं होती है।
√बोली एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को बोली कहते है। जैसेः खड़ी बोली , ब्रजभाषा , बुन्देली, कन्नौजी , हरियाणवी, मेवाती, मालवी, मारवाड़ी , जयपुरी , गढ़वाली , कुमाऊँनी , मैथिली , मगही , भोजपुरी , आदि
बोली की विशेषताएँ:
1.बोली एक छोटे क्षेत्र में बोली जाती है।
2.बोली में स्थानीय शब्दों की बहुलता होती है।
3.बोली में साहित्य की रचना नहीं होती है।
4.बोली की अपनी लिपि नहीं होती है।
5.बोली की अपनी व्याकरण नही होती है।
6.बोली में लोग गीत पायी जाती है।
√उपभाषा बोली के विकसित रूप को उपभाषा कहते है।
जैसेः पश्चिमी हिन्दी,पूर्वी हिन्दी,राजस्थानी हिन्दी ,पहाड़ी हिन्दी, बिहारी हिन्दी
उपभाषा की विशेषताएँ:
1.उपभाषा में साहित्य की रचनाएँ होती है।
2.एक उपभाषा के अन्तर्गत कई बोलियाँ हो सकती है।
3.इसकी कोई लिपि एवं व्याकरण नहीं होती है।
4.उपभाषा , बोली एवं भाषा के बीच की कड़ी है।
√भाषा एक विशाल क्षेत्र में बोलने , लिखने ,पढ़ने, समझने, साहित्य रचना करने एवं संचार माध्यमों में परस्पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए प्रयोग होने वाली विकसित बोली को ही भाषा कहते है।
जैसे: खड़ी-बोली ( हिन्दी )
भाषा की विशेषताएँ:
1.भाषा में साहित्य की रचनाएँ होती है।
2.भाषा की अपनी लिपि एवं व्याकरण होती है।
3.भाषा विधि या कानून के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।
4.भाषा का प्रयोग सरकारी कार्यालयों में होती है।
5.भाषा में पढ़ाई-लिखाई होती है।
हिन्दी भाषी राज्य
हिन्दी भाषी राज्य का मतलब होता है कि ऐसे राज्य जहां के निवासियों की बोलचाल की भाषा हिन्दी है, उसे हिन्दी भाषी राज्य कहते है।
भारत में कुल नौ (9) हिन्दी हिन्दी भाषी राज्य:
1. उत्तर प्रदेश 2. उत्तराखण्ड 3. हरियाणा 4. हिमाचल प्रदेश 5. मध्य प्रदेश 6. बिहार 7. झारखण्ड 8. छत्तीसगढ़ 9.राजस्थान
भारत में कुल एक (1) हिन्दी भाषी केंद्रशासित प्रदेश है:
1. दिल्ली
इसके अलावा हिन्दी पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, बंगाल आदि भागों में सम्पर्क भाषा के रूप प्रयोग होती है।
हिन्दी की उपभाषाएँ एवं हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ : 1927 में जार्ज ग्रियर्सन ने हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ एवं 17 बोलियाँ बताएँ है।
हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ
1.पश्चिमी हिन्दी
2.पूर्वी हिन्दी
3.राजस्थानी हिन्दी
4.पहाड़ी हिन्दी
5.बिहारी हिन्दी
1.पश्चिमी हिन्दी
शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित है।
पश्चिमी हिन्दी की पाँच बोलियाँ है।
i.खड़ी बोली या कौरवी
ii.ब्रजभाषा
iii.बुन्देली
iv.कन्नौजी
v.हरियाणवी या बांगरु
2.पूर्वी हिन्दी अर्द्धमागधी अपभ्रंश से विकसित है।
पूर्वी हिन्दी की तीन बोलियाँ है
i.अवधी ii.बघेली iii.छत्तीसगढ़ी
3.राजस्थानी हिन्दी राजस्थानी हिन्दी का जन्म शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
राजस्थानी हिन्दी की चार बोलियाँ है।
i. उत्तरी राजस्थानी ( मेवाती )
ii.दक्षिणी राजस्थानी ( मालवी )
iii.पश्चिमी राजस्थानी ( मारवाड़ी )
iv.पूर्वी राजस्थानी ( जयपुरी )
4.पहाड़ी हिन्दी पहाड़ी हिन्दी का जन्म खस अपभ्रंश से हुआ है।
पहाड़ी हिन्दी की दो बोलियाँ है।
i.गढ़वाली ii.कुमाऊँनी
5.बिहारी हिन्दी बिहारी हिन्दी का जन्म मागधी अपभ्रंश से हुआ है।
बिहारी हिन्दी की तीन बोलियाँ है।
i.मैथिली ii.मगही iii.भोजपुरी