सामान्य हिन्दी व्याकरण, भाषा-विज्ञान पार्ट-1


√भाषा

भाषा के निर्माण संस्कृत के भाष् धातु से हुआ है।

भाष् धातु का अर्थ है : वाणी की अभिव्यक्ति ।

भाषा की परिभाषा : यदि कोई व्यक्ति अपने विचार एवं भाव को ध्वनि के माध्यम से प्रकट करता है तो उसे भाषा कहते है।

बहुत सारे भाषा वैज्ञानिक हुएं जिन्होंने भाषा की परिभाषाएं दिए है उनमें से कुछ भाषा वैज्ञानिकों के परिभाषाओं के बारे में नीचे लिखा है

1 डॉ. कामता प्रसाद गुरू :- भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचार दूसरों तक भलीभाँति प्रकट कर सकता है और दूसरों के विचार स्पष्टतया समझ सकता है

2 क्रोचे :- भाषा सीमित एवं व्यक्त ध्वनियों के नाम है जिन्हे हम अभिव्यक्ति के लिए संगठित करते है।

3 सीता राम चतुर्वेदी :- भाषा के आविर्भाव से सारा संसार गूंगों की विराट बस्ती बनने से बच गया ।

√भाषा की विशेषताएं :-

1-भाषा परिवर्तनशील है

2-भाषा गतिशील है

3-भाषा कठिनता से सरलता की ओर गतिमान होती है

4-भाषा अनुकरण से सीखी जाती है

5-भाषा पैतृक सम्पत्ति नही है

6-भाषा अर्जित सम्पत्ति है

7-भाषा सम्प्रेषण (communication) का माध्यम है।

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